भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आकाश का कायांतरण / ज्यून तकामी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=ज्यून तकामी |संग्रह=पहाड़ पर चढ़ना चाहते हैं …)
 
पंक्ति 20: पंक्ति 20:
  
 
आसमान में कविताएँ लिखी होती हैं
 
आसमान में कविताएँ लिखी होती हैं
कोई नंगी मॉडल कड़ी होती है चित्रकार के सामने
+
कोई नंगी मॉडल खड़ी होती है चित्रकार के सामने
 
कभी भागते घोड़े
 
कभी भागते घोड़े
 
तो कभी ख़ून भरा बलगम
 
तो कभी ख़ून भरा बलगम

01:29, 8 जनवरी 2012 का अवतरण

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: ज्यून तकामी  » संग्रह: पहाड़ पर चढ़ना चाहते हैं सब
»  आकाश का कायांतरण

आकाश रोगी को
दिखाता है
तरह-तरह के चित्र

कभी वो देखता है जहाज़
कभी रेफ़्रीजीरेटर,
कभी कोई केंचुआ तो
कभी सफ़ेद गाय हिन्दुओं की पवित्र
फिर कोई बेहूदा छड़ी पंख वाली
कोई चमकता हुआ शंख
फिर बाइबिल में लिखे युद्ध
और

आसमान में कविताएँ लिखी होती हैं
कोई नंगी मॉडल खड़ी होती है चित्रकार के सामने
कभी भागते घोड़े
तो कभी ख़ून भरा बलगम
लेकिन वो जिन्हें देखना चाहता है
वो फ़रिश्ते दिखाई नहीं देते।