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01:59, 8 जनवरी 2012 के समय का अवतरण
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एक दिन मैंने
अपने घर की खिड़की से
जब बगीचे में झाँका ।
ऐसा लगा अचानक
बाँध लिया हो अपनी बाँहों में जैसे
वो हरा वृक्ष बाँका ।
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय