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"ब्लैक-बोर्ड / ज्यून तकामी" के अवतरणों में अंतर

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अस्पताल के हमारे इस कमरे में
 
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परदे सफ़ेद हैं
 
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शाम का डूबता हुआ सूरज  
 
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उनमें रंग भरता है
 
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यह कमरा बिल्कुल वैसा ही है
 
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मुझे याद आते हैं अपने वे अध्यापक
 
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अपनी बगल में दबाकर क़िताब
 
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हमसे विदा लेते थे वे--
 
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"फिर मिलेंगे, दोस्तो !"
 
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जब कक्षा से बाहर निकलते थे वे
 
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शाम के डूबते हुए सूरज की रोशनी
 
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उनके कंधों पर लहराती थी
 
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मैं भी जाना चाहता हूँ जीवन से
 
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सब कुछ पूरी तरह साफ़ कर
 
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"फिर मिलेंगे, दोस्तो !" कहते हुए
 
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वैसे ही जैसे मेरे अध्यापक
 
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पाठ ख़त्म करके कक्षा से निकलते थे
 
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'''रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
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02:13, 8 जनवरी 2012 के समय का अवतरण

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मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: ज्यून तकामी  » संग्रह: पहाड़ पर चढ़ना चाहते हैं सब
»  ब्लैक-बोर्ड

अस्पताल के हमारे इस कमरे में
परदे सफ़ेद हैं
शाम का डूबता हुआ सूरज
उनमें रंग भरता है

यह कमरा बिल्कुल वैसा ही है
जैसे हमारे स्कूल का कमरा था
मुझे याद आते हैं अपने वे अध्यापक
अँग्रेज़ी पढ़ाते थे जो हमें

ब्लैक-बोर्ड को ढंग से साफ़ करके
अपनी बगल में दबाकर क़िताब
हमसे विदा लेते थे वे--
"फिर मिलेंगे, दोस्तो !"
जब कक्षा से बाहर निकलते थे वे
शाम के डूबते हुए सूरज की रोशनी
उनके कंधों पर लहराती थी

मैं भी जाना चाहता हूँ जीवन से
सब कुछ पूरी तरह साफ़ कर
"फिर मिलेंगे, दोस्तो !" कहते हुए
वैसे ही जैसे मेरे अध्यापक
पाठ ख़त्म करके कक्षा से निकलते थे

रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय