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"विवाह -गीत - घुमची बरन मै सुन्नर / अवधी" के अवतरणों में अंतर

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('<poem> घुमची बरन मै सुन्नर बाबा मुनरी बरन करिहांव हमरे ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
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22:04, 16 जनवरी 2012 का अवतरण

 
घुमची बरन मै सुन्नर बाबा मुनरी बरन करिहांव
हमरे बरन बर ढुंढयो मेरे बाबा तब मोरा रचहू बियाह
इहड़ खोज्यो बेटी बीहड़ खोज्यो,खोज्यों मै देस सरिवार
तोहरे जोगे बेटी बर कतहूँ न पायों अब बेटी रह्हू कुवाँरि
इहड़ खोज्यो बाबा बीहड़ खोज्यो,खोज्यों तू देस सरिवार
चार परगिया पै नग्र अयोध्या दुइ बर राम कुवाँर
उहे बर माँगै बेटी अन धन सोनवा बारह बरद धेनू गाय
उहे बर माँगै बेटी नव लाख दायज हथिनी दुवारे कै चार
नहीं देबो मोरे बाबा अन धन सोनवा बारह बरद धेनू गाय
नहीं देबो मोरे बाबा नव लाख दायज तब बर हेरौ हरवाह