भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"विवाह - गीत - बेरिया की बेरिया मै / अवधी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('<poem> बेरिया की बेरिया मै बरिज्यो बाबा जेठ जनि रचिहो बि...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(कोई अंतर नहीं)

22:14, 16 जनवरी 2012 का अवतरण

बेरिया की बेरिया मै बरिज्यो बाबा जेठ जनि रचिहो बियाह
हठी से घोडा पियासन मरिहै गोरा बदन कुम्हलाय
कहो तो मोरी बेटी छ्त्रू छ्वाओं कहो तो नेतवा ओहार
कहो तो मोरी बेटी सुरजू अलोपों गोरा बदन रहि जाय
काहे को मोरे बाबा छ्त्रू छ्वायो काहे कैं नेतवा ओहार
काहे को मोरे बाबा सुरजू अलोपों गोरा बदन रहि जाय
आजू कै रोजे बाबा तोहरी मडैइया कालही सुघर बार के साथ
काचहि दुधवा पियायो मोरी बेटी दहिया खियायो सढीयार
एकहू गुनहिया न लाइयु मोरी बेटी चल्यु परदेसिया के साथ
काहे कै मोरे बाबा दुधवा पियायो दहिया खियायो सढीयार
जानत रह्यो बेटी पर घर जइहें गोरा बदन रहि जाय
इहै दुधवा बाबा भैया कैं पीऔत्यों जेनि तोहरे दल कै सिंगार