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"नन्हे जुगनु / ”काज़िम” जरवली" के अवतरणों में अंतर

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21:58, 20 जनवरी 2012 के समय का अवतरण


छीनने वालों दूसरो की हसी,
तुम कभी मुस्कुरा नहीं सकते।

कातिलों नन्हे जुगनुओ का लहू,
रौशनी है बुझा नहीं सकते ।। -- काज़िम जरवली