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"सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं? / साहिर लुधियानवी" के अवतरणों में अंतर

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सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं?
 
सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं?
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15:13, 1 फ़रवरी 2012 का अवतरण


ये कूचे ये नीलाम घर दिलकशी के

ये लुटते हुए कारवां जिन्दगी के

कहाँ हैं, कहाँ हैं मुहाफ़िज़ ख़ुदी के?



सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं?



ये पुरपेंच गलियां, ये बेख़ाब बाज़ार

ये गुमनाम राही, ये सिक्कों की झंकार

ये इस्मत के सौदे, ये सौदों पे तकरार



सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं?



तअफ्फ़ुन से पुर नीमरोशन ये गलियां

ये मसली हुई अधखिली ज़र्द किलयां

ये बिकती हुई खोकली रंग रिलयां



सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं?



वो उजाले दरीचों में पायल की छन-छन

तनफ़्फ़ुस की उलझन पे तबले की धन-धन

ये बेरूह कमरों में खांसी की धन-धन



सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं?



ये गूंजे हुए क़ह-क़हे रास्तों पर

ये चारों तरफ़ भीड़ सी खिड़िकयों पर

ये आवाज़ें खींचते हुए आंचलों पर



सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं?



ये फूलों के गजरे, ये पीकों के छींटे

ये बेबाक नज़रें, ये गुस्ताख़ फ़िक़रे

ये ढलके बदन और ये मदक़ूक़ चेहरे



सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं?



ये भूकी निगाहें हसीनों की जानिब

ये बढ़ते हुए हाथ सीनों की जानिब

लपकते हुए पांव ज़ीनों की जानिब



सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं?



यहां पीर भी आ चुके हैं जवां भी

तनूमन्द बेटे भी, अब्बा मियां भी

ये बीवी भी है और बहन भी है, मां भी



सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं?



मदद चाहती है ये हव्वा की बेटी

यशोदा की हमजिन्स राधा की बेटी

पयम्बर की उम्मत ज़ुलैख़ा की बेटी



सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं?



ज़रा मुल्क के राहबरों को बुलाओ

ये कूचे ये गलियां ये मन्ज़र दिखाओ

सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ को लाओ



सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं?