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"ख़ामोश हूँ मुद्दत से नाले हैं न आहें हैं / सीमाब अकबराबादी" के अवतरणों में अंतर
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08:48, 20 फ़रवरी 2012 के समय का अवतरण
ख़ामोश हूँ मुद्दत से नाले हैं न आहें हैं।
मेरी ही तरफ़ फिर भी दुनिया की निगाहें हैं॥
‘सीमाब’ गुज़रगाहे-उल्फ़त को भी देख आये।
बिगड़े हुए रस्ते हैं, उलझी हुई राहें हैं॥