भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जंगल में खेल / संजय अलंग" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संजय अलंग }} {{KKCatBaalKavita}} <poem> जंगल में एक ख...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
जंगल में एक खेल रचाया | जंगल में एक खेल रचाया | ||
बन्दर एक फुटबाल ले आया | बन्दर एक फुटबाल ले आया | ||
+ | |||
सबने मिलकर दो दल बनाए | सबने मिलकर दो दल बनाए | ||
भालू, हाथी सभी को लाए | भालू, हाथी सभी को लाए | ||
+ | |||
शेर ने तभी दहाड़ लगाई | शेर ने तभी दहाड़ लगाई | ||
सभी के चेहरों से उड़ी हवाई | सभी के चेहरों से उड़ी हवाई | ||
+ | |||
फुटबाल की किसी को सुध न आई | फुटबाल की किसी को सुध न आई | ||
सब ने जंगल की ओर दौड़ लगाई | सब ने जंगल की ओर दौड़ लगाई | ||
</Poem> | </Poem> |
14:03, 21 फ़रवरी 2012 के समय का अवतरण
जंगल में एक खेल रचाया
बन्दर एक फुटबाल ले आया
सबने मिलकर दो दल बनाए
भालू, हाथी सभी को लाए
शेर ने तभी दहाड़ लगाई
सभी के चेहरों से उड़ी हवाई
फुटबाल की किसी को सुध न आई
सब ने जंगल की ओर दौड़ लगाई