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"पाँव उठ सकते नहीं मंज़िले-जानाँ के ख़िलाफ़ / जिगर मुरादाबादी" के अवतरणों में अंतर

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पाँव  उठ सकते नहीं मंज़िले -जानाँ के ख़िलाफ़
 
पाँव  उठ सकते नहीं मंज़िले -जानाँ के ख़िलाफ़
 
और अगर होश की पूछो तो मुझे होश नहीं
 
और अगर होश की पूछो तो मुझे होश नहीं

06:23, 23 फ़रवरी 2012 के समय का अवतरण

पाँव उठ सकते नहीं मंज़िले -जानाँ के ख़िलाफ़
और अगर होश की पूछो तो मुझे होश नहीं

हुस्न से इश्क़ जुदा है न जुदा इश्क़ से हुस्न
कौन-सी शै है जो आग़ोश-दर-आग़ोश नहीं

शब्दार्थ
<references/>