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"जुस्तजू में तिरी जो गए / रविंदर कुमार सोनी" के अवतरणों में अंतर

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जुस्तजू में तिरी जो गए  
 
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कौन जाने कहाँ खो गए  
 
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सुन रहे थे कहानी तिरी  
 
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जागते जागते सो गए  
 
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कल समझता था अपना जिन्हें  
 
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आज बेगाने वो हो गए  
 
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दिल में अरमान पाले मगर  
 
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ऐसे बिखरे हवा हो गए  
 
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देर आने में हम से हुई  
 
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वो गए अब तो यारो गए  
 
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दूर होती रहीं मंजिलें
 
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ऐ रवि रास्ते खो गए  
 
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15:38, 25 फ़रवरी 2012 के समय का अवतरण

जुस्तजू में तिरी जो गए
कौन जाने कहाँ खो गए

सुन रहे थे कहानी तिरी
जागते जागते सो गए

कल समझता था अपना जिन्हें
आज बेगाने वो हो गए

दिल में अरमान पाले मगर
ऐसे बिखरे हवा हो गए

देर आने में हम से हुई
वो गए अब तो यारो गए

दूर होती रहीं मंजिलें
ऐ रवि रास्ते खो गए