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"दे गया कौन जाने मुझको ख़बर / रविंदर कुमार सोनी" के अवतरणों में अंतर
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दे गया कौन जाने मुझको ख़बर | दे गया कौन जाने मुझको ख़बर | ||
रात आती है साथ ले के सहर | रात आती है साथ ले के सहर | ||
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दिल मिरा मुज़्तरिब है तेरे बग़ैर | दिल मिरा मुज़्तरिब है तेरे बग़ैर | ||
आके तू देख लेता एक नज़र | आके तू देख लेता एक नज़र | ||
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मेरे दामन की मैल धुल जाती | मेरे दामन की मैल धुल जाती | ||
अश्क ए खूं गिरता आँख से बह कर | अश्क ए खूं गिरता आँख से बह कर | ||
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जो हक़ीक़त को ख़्वाब कहते हैं | जो हक़ीक़त को ख़्वाब कहते हैं | ||
लोग कहते हैं उनको अहल ए नज़र | लोग कहते हैं उनको अहल ए नज़र | ||
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छोड़ कर मुझ को दरमियान ए दश्त | छोड़ कर मुझ को दरमियान ए दश्त | ||
क़ाफ़िला वक़्त का चला है किधर | क़ाफ़िला वक़्त का चला है किधर | ||
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दिल में जो दाग़ थे जुदाई के | दिल में जो दाग़ थे जुदाई के | ||
हैं वही आसमाँ पे शम्स ओ क़मर | हैं वही आसमाँ पे शम्स ओ क़मर | ||
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दश्त ओ गुलशन में क्या भटकती है | दश्त ओ गुलशन में क्या भटकती है | ||
वो हवा जो चली थी हो के निडर | वो हवा जो चली थी हो के निडर | ||
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ऐ रवि दल की धडकनें हैं तेज़ | ऐ रवि दल की धडकनें हैं तेज़ | ||
कोई अब आसमाँ से कह दे ठहर | कोई अब आसमाँ से कह दे ठहर | ||
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15:43, 25 फ़रवरी 2012 का अवतरण
दे गया कौन जाने मुझको ख़बर
रात आती है साथ ले के सहर
दिल मिरा मुज़्तरिब है तेरे बग़ैर
आके तू देख लेता एक नज़र
मेरे दामन की मैल धुल जाती
अश्क ए खूं गिरता आँख से बह कर
जो हक़ीक़त को ख़्वाब कहते हैं
लोग कहते हैं उनको अहल ए नज़र
छोड़ कर मुझ को दरमियान ए दश्त
क़ाफ़िला वक़्त का चला है किधर
दिल में जो दाग़ थे जुदाई के
हैं वही आसमाँ पे शम्स ओ क़मर
दश्त ओ गुलशन में क्या भटकती है
वो हवा जो चली थी हो के निडर
ऐ रवि दल की धडकनें हैं तेज़
कोई अब आसमाँ से कह दे ठहर