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"सुकूँ से आशना अब तक दिल ए इनसाँ नहीं है / रविंदर कुमार सोनी" के अवतरणों में अंतर

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सुकूँ से आशना अब तक दिल ए इनसाँ नहीं है
 
सुकूँ से आशना अब तक दिल ए इनसाँ नहीं है
 
कहूँ क्यूँ कर कि अहसास ए ग़म ए दौराँ, नहीं है
 
कहूँ क्यूँ कर कि अहसास ए ग़म ए दौराँ, नहीं है
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भरोसा अपने दस्त ओ पा पे है मुझको अज़ल से
 
भरोसा अपने दस्त ओ पा पे है मुझको अज़ल से
 
वो मुश्किल कौन सी है मेरी जो आसाँ नहीं है
 
वो मुश्किल कौन सी है मेरी जो आसाँ नहीं है
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रबाब ए गुल से नग़में फूट निकले हैं मगर अब
 
रबाब ए गुल से नग़में फूट निकले हैं मगर अब
 
परस्तार ए रिहाई क़ैदी ए ज़िन्दां नहीं है
 
परस्तार ए रिहाई क़ैदी ए ज़िन्दां नहीं है
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ख़्याल ए साहिल ए मक़्सूद है दिल में अभी तो
 
ख़्याल ए साहिल ए मक़्सूद है दिल में अभी तो
 
मिरी कश्ती सिपुर्द ए मौज ए तूफाँ नहीं है
 
मिरी कश्ती सिपुर्द ए मौज ए तूफाँ नहीं है
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हूँ उस से दूर तो भी है वफ़ा का पास दिल में
 
हूँ उस से दूर तो भी है वफ़ा का पास दिल में
 
उसे मैं भूल जाऊँ ये मिरा ईमाँ नहीं है
 
उसे मैं भूल जाऊँ ये मिरा ईमाँ नहीं है
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कहाँ तक आँख से आँसू बहाऊँ मैं लहू के
 
कहाँ तक आँख से आँसू बहाऊँ मैं लहू के
 
कहो इक बार फिर इस दर्द का दरमाँ नहीं है
 
कहो इक बार फिर इस दर्द का दरमाँ नहीं है
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रवि इस ज़िन्दगी में हो मुझे भी चैन हासिल
 
रवि इस ज़िन्दगी में हो मुझे भी चैन हासिल
 
सिवा इस के मिरे दिल में कोई अरमाँ नहीं है
 
सिवा इस के मिरे दिल में कोई अरमाँ नहीं है
 
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16:13, 25 फ़रवरी 2012 का अवतरण

साँचा:KKCatGajal

सुकूँ से आशना अब तक दिल ए इनसाँ नहीं है
कहूँ क्यूँ कर कि अहसास ए ग़म ए दौराँ, नहीं है

भरोसा अपने दस्त ओ पा पे है मुझको अज़ल से
वो मुश्किल कौन सी है मेरी जो आसाँ नहीं है

रबाब ए गुल से नग़में फूट निकले हैं मगर अब
परस्तार ए रिहाई क़ैदी ए ज़िन्दां नहीं है

ख़्याल ए साहिल ए मक़्सूद है दिल में अभी तो
मिरी कश्ती सिपुर्द ए मौज ए तूफाँ नहीं है

हूँ उस से दूर तो भी है वफ़ा का पास दिल में
उसे मैं भूल जाऊँ ये मिरा ईमाँ नहीं है

कहाँ तक आँख से आँसू बहाऊँ मैं लहू के
कहो इक बार फिर इस दर्द का दरमाँ नहीं है

रवि इस ज़िन्दगी में हो मुझे भी चैन हासिल
सिवा इस के मिरे दिल में कोई अरमाँ नहीं है