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"कुछ ऐसा अभिशाप रहा..../ ओमप्रकाश यती" के अवतरणों में अंतर
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14:06, 26 फ़रवरी 2012 का अवतरण
कुछ ऐसा अभिशाप रहा
जीवन भर चुपचाप रहा
दोष किसी को क्या दूँ मैं
अपना दुश्मन आप रहा
माया की इस नगरी में
सबको फलता पाप रहा
पूज नहीं पाया उसको
इसका पश्चाताप रहा
पूरा गीत रहे तुम ही
मैं तो बस आलाप रहा