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"लोग सिर्फ औरों को फलसफे पढ़ाते हैं / ओमप्रकाश यती" के अवतरणों में अंतर
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20:45, 27 फ़रवरी 2012 के समय का अवतरण
लोग सिर्फ़ औरों को फ़लसफ़े पढ़ाते हैं
उनपे खुद नहीं चलते राह जो दिखाते हैं
बेटी और बेटे में फ़र्क अब नहीं कोई
ये भी छोड़ जाती हैं वो भी छोड़ जाते हैं
घर सभी का सपना है, देखिए परिन्दे भी
जोड़ –जोड़ तिनकों को घोंसले बनाते हैं
उसपे कितना चलते हैं ये तो उनकी मर्ज़ी है
लोग फिर भी बच्चों को रास्ता दिखाते हैं
नफ़रतों की आँधी भी कुछ ज़रूर सोचेगी
आइए मोहब्बत के दीप कुछ जलाते हैं