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मंज़िले-शौक़ ने अंजाम-ए-सफ़र देख लिया
हमने भी अज़्मे- मुसम्मम<ref>पक्के इरादे</ref> का असर देख लिया
और बढ़ता गया बेताब इरादों का हुजूम
इब्ने-आदम का ये अंजामे-सफ़र देख लिया
अश्क़ अश्क बरसाते रहे अहले-फ़लक़ छुप-छुप कर
माह-ओ-अंजुम ने किसे ख़ाक बसर देख लिया
तूने बा-दीदा-ए-तर<ref>नम आँखों से</ref> वक़्ते सफ़र देख लिया
ज़िंदगी मेरी थी मानिंदे-सदाएसदा-ए-सहरा
तेरी उम्मीद ने क्यों एक नज़र देख लिया