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− | दिल शाहजहाँपुरी, शबनम रोमानी, अख्तर तिलहरी जैसे फ़नकार पैदा हुए । | + | [[दिल शाहजहाँपुरी]], [[शबनम रोमानी]], [[अख्तर तिलहरी]] जैसे फ़नकार पैदा हुए । |
− | गुरु पिताश्री स्वर्गीय अब्दुल रशीद, महबूब हसन खाँ नय्यर तिलहरी जो दिल शाहजहाँपुरी | + | =='''गुरु'''== |
− | के शिष्य थे एवं ताहिर तिलहरी । | + | पिताश्री स्वर्गीय अब्दुल रशीद, महबूब हसन खाँ नय्यर तिलहरी जो [[दिल शाहजहाँपुरी]] के शिष्य थे एवं [[ताहिर तिलहरी]] । |
− | विशेष उपलब्धि | + | =='''विशेष उपलब्धि'''== |
− | + | * हिंदी उर्दू में म्रत्यु की कगार पर पहुंचे मुहावरों को जो भारतीय साहित्य की अनमोल धरोहर हैं को काव्य में जीवित करने के लिए प्रयत्नशील हैं । | |
+ | * हिंदी-उर्दू की पहली मुहावरा-ग़ज़ल कहने का सौभाग्य प्राप्त किया । | ||
+ | * एक ही कविता व ग़ज़ल में सब से अधिक मुहावरों का प्रयोग करने का कीर्तिमान भी [[आदिल रशीद]] के ही नाम है |
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आदिल रशीद पिता का नाम : स्वर्गीय अब्दुल रशीद जो उर्दू शायरी के आलोचक ( नक्काद )थे
विषय सूची
जन्म
तिथि : 25 दिसंबर 1967
जन्म स्थान
C-824,वर्क चार्ज कालोनी निकट यूनियन दफ्तर
कालागढ़, जिला पौड़ी-गढ़वाल, उत्तराखंड, भारत।
पैतृक गाँव तिलहर, शाहजहाँपुर जहाँ अशफाकउल्ला खाँ ,राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, कमर रईस, दिल शाहजहाँपुरी, शबनम रोमानी, अख्तर तिलहरी जैसे फ़नकार पैदा हुए ।
गुरु
पिताश्री स्वर्गीय अब्दुल रशीद, महबूब हसन खाँ नय्यर तिलहरी जो दिल शाहजहाँपुरी के शिष्य थे एवं ताहिर तिलहरी ।
विशेष उपलब्धि
- हिंदी उर्दू में म्रत्यु की कगार पर पहुंचे मुहावरों को जो भारतीय साहित्य की अनमोल धरोहर हैं को काव्य में जीवित करने के लिए प्रयत्नशील हैं ।
- हिंदी-उर्दू की पहली मुहावरा-ग़ज़ल कहने का सौभाग्य प्राप्त किया ।
- एक ही कविता व ग़ज़ल में सब से अधिक मुहावरों का प्रयोग करने का कीर्तिमान भी आदिल रशीद के ही नाम है