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"क्या कहे सुलेखा ! / अवनीश सिंह चौहान" के अवतरणों में अंतर

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किससे अब
 
किससे अब
क्या कहे सुलेखा!
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क्या कहे सुलेखा
  
 
खनन माफ़िया
 
खनन माफ़िया
मिलकर लूटें
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मिल कर लूटे
जल औ' जंगल
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बाझ, कबूतर
नित-नित टूटें
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पर ज्यों टूटे
  
मैट रहे
+
मेट रहे
कुदरत का लेखा!
+
कुदरत का लेखा
किससे अब
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क्या कहे सुलेखा!
+
  
बोली 'छविया'
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छविया भोली
 
धरा-दबोचा
 
धरा-दबोचा
नेता-मालिक
+
एक व्यवस्था ने
सबने नोंचा
+
मिल नोंचा
  
समाचार
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पेपर में
दुनिया ने देखा!
+
दुनिया ने देखा
किससे अब
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क्या कहे सुलेखा!
+
  
दुस्साहस-
+
दुस्साहस
 
क्रशरों का बढ़ता
 
क्रशरों का बढ़ता
 
चट्टानों से
 
चट्टानों से
 
चूना झड़ता
 
चूना झड़ता
  
टूट रही
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मिटी हीर की
है जीवन रेखा!
+
जीवन रेखा
किससे अब
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क्या कहे सुलेखा!
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08:12, 18 मार्च 2012 के समय का अवतरण

किससे अब
क्या कहे सुलेखा

खनन माफ़िया
मिल कर लूटे
बाझ, कबूतर
पर ज्यों टूटे

मेट रहे
कुदरत का लेखा

छविया भोली
धरा-दबोचा
एक व्यवस्था ने
मिल नोंचा

पेपर में
दुनिया ने देखा

दुस्साहस
क्रशरों का बढ़ता
चट्टानों से
चूना झड़ता

मिटी हीर की
जीवन रेखा