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"जुगत भिड़ाते दल / अवनीश सिंह चौहान" के अवतरणों में अंतर

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सत्ता पर काबिज होने को
 
जुगत भिड़ाते दल
 
करें सियासी सौदेबाजी
 
जनता में हलचल
 
  
हवा चुनावी गाँव-शहर में
 
डोले-बतियाये
 
खलनायक भी नायक बनकर
 
मंचों पर छाये
 
 
बड़े-बड़े मिल वादे करते
 
भरके गंगाजल
 
 
इन सीधी-सादी नष्लों को
 
खांचों में बाँटा
 
फूल रखे अपनी झोली में
 
औरों को कांटा
 
 
वोट-नोट की राजनीति में
 
शुचिता गयी निकल!
 
 
वही चुनावी मुद्दे लेकर
 
ये घर-घर आये
 
सकारात्मक बदलावों के
 
सपने दिखलाये 
 
 
दल-दल के अपने प्रपंच हैं
 
अपने-अपने छल
 
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09:24, 19 मार्च 2012 का अवतरण