भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"नव स्वर देने को / सरस्वती माथुर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरस्वती माथुर |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> आ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
08:40, 27 मार्च 2012 के समय का अवतरण
आओ, इस नववर्ष पर
खोलें वातायन परिचय के
और निस्तरंग जीवन में
हवा के बिखरे पन्नों को समेट कर
खोजें पाँव लक्षित पथ के
और नव-स्वर देने को
कुछ इधर चलें कुछ उधर चलें
फिर मिल जाएँ
एकजुट हो शक्ति के उद्गम पर