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"नीलकंठ / आशीष जोग" के अवतरणों में अंतर

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मैंने लिया है तुम्हारा आलंबन - तर्क,
 
मैंने लिया है तुम्हारा आलंबन - तर्क,

14:21, 5 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण


मैंने लिया है तुम्हारा आलंबन - तर्क,
छिपाने अपनी बेतुकी ज़िन्दगी का असंतुलन |

मैंने किया है तुम्हारा आलिंगन - भावनाओं,
दबाने अपने पाषण-ह्रदय का प्रकम्पन |

मैंने पिया है तुम्हारा कसैलापन - स्मृतियों,
न जाने क्यूँ, व्यर्थ ही - नीलकंठ बन |