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"चूना / वीरेन डंगवाल" के अवतरणों में अंतर

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जहाँ पर पड़ा वहीं पर खिल गया चूना
 
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रोनी दीवार पर आहा क्या जगर-मगर कीन्हा ।
 
रोनी दीवार पर आहा क्या जगर-मगर कीन्हा ।
 
 
::::हल्दी के संग लगा चोट पर
 
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::::दे दिया मलहम का काम
 
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::::कहीं पड़ा अकड़ पान-सुर्ती में तो
 
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::::फाड़ डाला सब जीभ-गाल का चाम
 
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बना सगुन ब्याह-सादी में
 
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नाली तक के गुन गाए
 
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भोली डिज़ायनों में भोली आत्माओं के करतब दिखलाए
 
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चमकाया
 
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अंधकार रह न गया सूना !
 
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16:56, 11 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण

जहाँ पर पड़ा वहीं पर खिल गया चूना
रोनी दीवार पर आहा क्या जगर-मगर कीन्हा ।
हल्दी के संग लगा चोट पर
दे दिया मलहम का काम
कहीं पड़ा अकड़ पान-सुर्ती में तो
फाड़ डाला सब जीभ-गाल का चाम
बना सगुन ब्याह-सादी में
नाली तक के गुन गाए
भोली डिज़ायनों में भोली आत्माओं के करतब दिखलाए
चमकाया

अंधकार रह न गया सूना !