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"चन्दनमन (भूमिका) / भावना कुँअर" के अवतरणों में अंतर

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('डॉ भावना कुँअर का एक हाइकु देखें- ‘सुबक पड़ी कैसी थ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
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डॉ [[भावना कुँअर]] का एक हाइकु देखें-
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डॉ [[भावना कुँअर]] का एक [[हाइकु]] देखें-
  
 
‘सुबक पड़ी
 
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कैसी थी वो निष्ठुर  
 
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विदा की घड़ी
 
विदा की घड़ी
क्षण का सत्य -क्षण  की अनुभूति -सद्य प्रभाव और शाश्वत सत्य की ओर संकेत-कितना स्पष्ट एवं मनोरम चित्र है ! यह ‘विदा’ किसी विशेष रिश्ते से नहीं बँधी है-अपार विस्तार है -माता,पिता ,भाई, बहन , बन्धु, प्रिय, परिजन -सभी इस विशाल दायरे में आकर समा गए हैं – केन्द्र -बिन्दु है-‘विदा की घड़ी’…अनुपम खूबसूरत हाइकु है
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क्षण का सत्य -क्षण  की अनुभूति -सद्य प्रभाव और शाश्वत सत्य की ओर संकेत-कितना स्पष्ट एवं मनोरम चित्र है ! यह ‘विदा’ किसी विशेष रिश्ते से नहीं बँधी है-अपार विस्तार है -माता,पिता ,भाई, बहन , बन्धु, प्रिय, परिजन -सभी इस विशाल दायरे में आकर समा गए हैं – केन्द्र -बिन्दु है-‘विदा की घड़ी’…अनुपम खूबसूरत [[हाइकु]] है
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20:35, 11 अप्रैल 2012 का अवतरण

डॉ भावना कुँअर का एक हाइकु देखें-

‘सुबक पड़ी
कैसी थी वो निष्ठुर
विदा की घड़ी
क्षण का सत्य -क्षण की अनुभूति -सद्य प्रभाव और शाश्वत सत्य की ओर संकेत-कितना स्पष्ट एवं मनोरम चित्र है ! यह ‘विदा’ किसी विशेष रिश्ते से नहीं बँधी है-अपार विस्तार है -माता,पिता ,भाई, बहन , बन्धु, प्रिय, परिजन -सभी इस विशाल दायरे में आकर समा गए हैं – केन्द्र -बिन्दु है-‘विदा की घड़ी’…अनुपम खूबसूरत हाइकु है