भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मेरी बेटी / सुमन केशरी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुमन केशरी |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <poem> आँख ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:55, 15 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण

आँख की बूँद-सी
यह कड़की
मेरी बेटी
करुणामयी
ममतामयी

घास में बसी ओस-सी
मुझ में शामिल
या मैं उसमें शामिल
गुंधे आटे की लोई
मुलायम पर ठोस
आश्वस्ति भरा स्पर्श ।