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"हाइकू / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'" के अवतरणों में अंतर

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|रचनाकार=रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' 
 
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[[Category:हाइकु]]
 
<poem>
 
  
(1)
 
खिलखिलाए
 
पहाड़ी नदी जैसी
 
मेरी मुनिया’
 
(2)
 
तुतली बोली
 
आरती में किसी ने
 
मिसरी घोली-
 
(3)
 
 
(4)
 
बीते बरसों
 
अभी तक मन में
 
खिली सरसो
 
(5)
 
दर्द था मेरा 
 
मिले शब्द तुम्हारे 
 
गीत बने थे
 
</poem>
 

19:04, 16 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण