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"मौसम नहीं बदलते हैं / राजकुमार कुंभज" के अवतरणों में अंतर
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11:51, 18 मई 2012 के समय का अवतरण
नहीं, नहीं
मौसम नहीं बदलते हैं
बदलते हैं हम ही
बदलते हैं चेहरे हमारे ही
बदलते हैं सद्गुण हमारे ही
हम में से ही निकल आता है कोई चोर,
कोई उचक्का, कोई डाकू, कोई हत्यारा,
कोई संत, कोई भक्त, कोई नेता,
कोई मंत्री, कोई चिकित्सक, कोई बढ़ई,
कोई कसाई, तो कोई दर्जी
और वह कौन जो रफू करे दु:ख सबके ?
नहीं, नहीं
मौसम नहीं बदलते हैं
बदलते हैं सिर्फ तेवर धधकते-बुझते
तो ठीक है फिर यही करते हैं और वही-वही
कि मौसम के स्वागत में मरते हैं ।