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"हाइकु / सुदर्शन प्रियदर्शिनी" के अवतरणों में अंतर
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खुला है तन | खुला है तन | ||
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− | आँख | + | आँख मूँदके |
पीते हैं हलाहल | पीते हैं हलाहल | ||
− | कैसा सकून | + | कैसा सकून? |
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पीड़ा के पेड़ | पीड़ा के पेड़ | ||
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नये नकोर | नये नकोर | ||
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− | पाप पुन्न की | + | पाप-पुन्न की |
अपनी परिभाषा | अपनी परिभाषा | ||
आशा ही आशा | आशा ही आशा | ||
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16:59, 18 मई 2012 के समय का अवतरण
(1)
सारे सम्बन्ध
वासनामय नट
नचाये रहे
(2)
कन्या अपनी
या हो कोई परायी
हो मनभाई
(3)
ढका ढकाया
सब कुछ छिपाया
खुला है तन
(4)
आँख मूँदके
पीते हैं हलाहल
कैसा सकून?
(5)
पीड़ा के पेड़
कैक्टस अम्बार
हार शृंगार
(6)
युग पलटा
अब देखो घुँघरू
नये नकोर
(7)
पाप-पुन्न की
अपनी परिभाषा
आशा ही आशा