भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जादू की छड़ी / सुधा गुप्ता" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: '''मोटा पाठ''' {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधा गुप्ता }} {{KKCatKavita}} <poem> जादू की छड़ी …) |
|||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
− | |रचनाकार=सुधा गुप्ता | + | |रचनाकार= सुधा गुप्ता |
+ | |संग्रह= | ||
}} | }} | ||
− | + | [[Category:हाइकु]] | |
<poem> | <poem> | ||
− | + | '''हाइकु-गीत''' | |
जादू की छड़ी | जादू की छड़ी | ||
भला कहाँ से पाई | भला कहाँ से पाई |
18:07, 18 मई 2012 का अवतरण
मोटा पाठ
हाइकु-गीत
जादू की छड़ी
भला कहाँ से पाई
बोल चितेरे !
हज़ारों रंग
यूँ सिलसिलेवार
कैसे बिखेरे ?
धरा बुलाती
चित्रपटी-सी सजी
बड़े सवेरे
बतासा खा के
कचनार शाख़ से
सारिका टेरे
अमराई में
कुहू-कुहू के बोल
शहद सने रे !
घुमाई तूने
कौन-सी जादू छड़ी
बता चितेरे !
-0-