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जादू की छड़ी | जादू की छड़ी |
21:54, 18 मई 2012 के समय का अवतरण
हाइकु-गीत
जादू की छड़ी
भला कहाँ से पाई
बोल चितेरे !
हज़ारों रंग
यूँ सिलसिलेवार
कैसे बिखेरे ?
धरा बुलाती
चित्रपटी-सी सजी
बड़े सवेरे
बतासा खा के
कचनार शाख़ से
सारिका टेरे
अमराई में
कुहू-कुहू के बोल
शहद सने रे !
घुमाई तूने
कौन-सी जादू छड़ी
बता चितेरे !
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