भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"हाइकु / रवीन्द्रनाथ ठाकुर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
}} | }} | ||
[[Category:हाइकु]] | [[Category:हाइकु]] | ||
− | कविवर [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर]] ने 1919 में जापान-यात्रा से लौटने के पश्चात् ‘जापान-यात्री’ में [[हाइकु]] की चर्चा करते हुए बंगला में दो कविताओं के अनुवाद प्रस्तुत किये। | + | कविवर [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर]] ने 1919 में जापान-यात्रा से लौटने के पश्चात् ‘जापान-यात्री’ में [[हाइकु]] की चर्चा करते हुए बंगला में दो कविताओं के अनुवाद प्रस्तुत किये। इन्हें भारतीय धरती पर अवतरित पहले [[हाइकु]] के रूप में जाना जाता है |
वे कविताएँ हैं- | वे कविताएँ हैं- | ||
<poem> | <poem> | ||
पंक्ति 10: | पंक्ति 10: | ||
पुरोनो पुकुर | पुरोनो पुकुर | ||
ब्यांगेर लाफ | ब्यांगेर लाफ | ||
− | जलेर शब्द | + | जलेर शब्द |
+ | |||
+ | (हिन्दी भावानुवाद) | ||
+ | पुराना तालाब | ||
+ | मेंढक की कूद | ||
+ | पानी की आवाज | ||
+ | |||
(2) | (2) | ||
पचा डाल | पचा डाल | ||
एकटा को | एकटा को | ||
शरत्काल | शरत्काल | ||
+ | |||
+ | (हिन्दी भावानुवाद) | ||
+ | सूखी डाल | ||
+ | एक कौआ | ||
+ | शरत्काल | ||
</poem> | </poem> | ||
− | दोनों अनुवाद शब्दिक हैं और बाशो की प्रसिद्ध कविताओं के हैं। | + | *दोनों अनुवाद शब्दिक हैं और जापानी हाइकुकार [[मात्सुओ बाशो |बाशो]] की प्रसिद्ध कविताओं के हैं। |
22:02, 18 मई 2012 के समय का अवतरण
कविवर रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने 1919 में जापान-यात्रा से लौटने के पश्चात् ‘जापान-यात्री’ में हाइकु की चर्चा करते हुए बंगला में दो कविताओं के अनुवाद प्रस्तुत किये। इन्हें भारतीय धरती पर अवतरित पहले हाइकु के रूप में जाना जाता है वे कविताएँ हैं-
(1)
पुरोनो पुकुर
ब्यांगेर लाफ
जलेर शब्द
(हिन्दी भावानुवाद)
पुराना तालाब
मेंढक की कूद
पानी की आवाज
(2)
पचा डाल
एकटा को
शरत्काल
(हिन्दी भावानुवाद)
सूखी डाल
एक कौआ
शरत्काल
- दोनों अनुवाद शब्दिक हैं और जापानी हाइकुकार बाशो की प्रसिद्ध कविताओं के हैं।