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पणिक्कर मलयाली कविता में आधुनिक कविता के जनक माने जाते हैं। वे पहले कवि हैं, जिन्होंने मलयाली मेंपूर्ण यथार्थवादी, समसामयिक और रोज़मर्रा की बोलचाल में कविताई का साहस किया।  
 
पणिक्कर मलयाली कविता में आधुनिक कविता के जनक माने जाते हैं। वे पहले कवि हैं, जिन्होंने मलयाली मेंपूर्ण यथार्थवादी, समसामयिक और रोज़मर्रा की बोलचाल में कविताई का साहस किया।  
वैसे तो पणिक्कर को अनुवाद करना मुश्किल है, पर [[रति सक्सेना]] ने यह कष्ट साध्य कार्य बखूबी किया है। उनकी बहुचर्चित लम्बी कविता 'कुरुक्षेत्र' मलयाली साहित्य में आधुनिक कविता का प्रवेशद्वार कही जाती है। केरल साहित्य अकादेमी, कबीर सम्मान, साहित्य अकादेमी पुरस्कार, भारतीय भाषा परिषद् पुरस्कार, [[कुमार आशान पुरस्कार]] आदि से सम्मानित।
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वैसे तो पणिक्कर को अनुवाद करना मुश्किल है, पर [[रति सक्सेना]] ने यह कष्ट साध्य कार्य बखूबी किया है। उनकी बहुचर्चित लम्बी कविता 'कुरुक्षेत्र' मलयाली साहित्य में आधुनिक कविता का प्रवेशद्वार कही जाती है। केरल साहित्य अकादेमी, कबीर सम्मान, साहित्य अकादेमी पुरस्कार, भारतीय भाषा परिषद् पुरस्कार, [[कुमार आशान पुरस्कार]] आदि से सम्मानित।</poem>

13:49, 13 जून 2012 के समय का अवतरण

अय्यप्प पणिक्कर

पणिक्कर मलयाली कविता में आधुनिक कविता के जनक माने जाते हैं। वे पहले कवि हैं, जिन्होंने मलयाली मेंपूर्ण यथार्थवादी, समसामयिक और रोज़मर्रा की बोलचाल में कविताई का साहस किया।
वैसे तो पणिक्कर को अनुवाद करना मुश्किल है, पर रति सक्सेना ने यह कष्ट साध्य कार्य बखूबी किया है। उनकी बहुचर्चित लम्बी कविता 'कुरुक्षेत्र' मलयाली साहित्य में आधुनिक कविता का प्रवेशद्वार कही जाती है। केरल साहित्य अकादेमी, कबीर सम्मान, साहित्य अकादेमी पुरस्कार, भारतीय भाषा परिषद् पुरस्कार, कुमार आशान पुरस्कार आदि से सम्मानित।