भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"विचार / अरविन्द श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अरविन्द श्रीवास्तव |संग्रह=राजधा...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:39, 15 जून 2012 के समय का अवतरण
खाली था उदर जिनका
उनके लिए विचारों के स्तवक बने थे
उन्हें विचारों की ज़रूरत है
विचारकों ने महसूसा था इसे
और उम्दा-उम्दा विचारों की
संरचना की थी
जिन्हें ज़रूरत थी अन्न की उन्हें
विचार मिले थे, शब्द नहीं
और प्रायोजक अपनी पवित्रता कायम रखने में
सफल हुए थे
क्योंकि विचार सत्ता की कुंजी थे
जहाँ भुक्खड़ पहुँचाते थे
दुनिया के सबसे पेटू लोगों को ।