भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तन धन जोबन / शिवदीन राम जोशी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवदीन राम जोशी | }} {{KKCatChhand}} <poem> त...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:15, 28 जून 2012 के समय का अवतरण
तन धन जोबन थिर नहीं, मुरख करे गुमान,
ए मन नर तन पायके, कर सबका सनमान |
कर सबका सनमान, पावणा है दो दिन का,
राम नाम उर धार, मिला है सुन्दर मौका |
सबसे बोलो प्रिय वचन, सत्य बात परतीत,
शिवदीन हार के ना चलो, चलो तो बाज़ी जीत |
राम गुण गायरे ||
तन धन जोबन पर बड़ा, कीना जिन विस्वास,
ये सब धोखा दे चले, रहे ना कोई पास |
रहे ना कोई पास, धाम धन दो-दो दिन के,
तन जोबन ढलि गये, संग में रह कर जिनके |
फिर इन पर विस्वास क्या, राम भजो शिवदीन,
सत संगत करि के चलो, चातुर चातुर प्रवीन |
राम गुण गायरे ||