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+ | धूलि के रंग | ||
+ | छिप कर बैठी है | ||
+ | नीली चिड़िया | ||
+ | फूलों के झुरमुट | ||
+ | ताल पै फैले | ||
+ | घने जल-कुंतल | ||
+ | तैरती मीन | ||
+ | सखियाँ लिये साथ | ||
+ | घास चुप है | ||
+ | फुदक के हिलाता | ||
+ | हरित टिड्डा | ||
+ | नन्हीं बीर-बहूटी | ||
+ | ‘शनील बूँद’ | ||
+ | बारिश संग गिरी | ||
+ | आकाश-छत | ||
+ | छेदों भरी छतरी | ||
+ | टपक रही | ||
+ | फाख़्ता टेरती घूँ-घूँ | ||
+ | बोल रही है | ||
+ | निर्जन दोपहरी | ||
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+ | सावन-धूप | ||
+ | दोपहरिया-फूल | ||
+ | चटख़ लाल | ||
+ | पूरब की खिड़की | ||
+ | उषा पहने | ||
+ | गोटा लगी ओढ़नी | ||
+ | घिरीं घटाएँ | ||
+ | छत पर मोरनी | ||
+ | टहल रही | ||
+ | भादों जो आया | ||
+ | जल-बालिका खेल | ||
+ | ने जी डराया | ||
+ | भर गए हैं ताल | ||
+ | निखरा रूप | ||
+ | पुरइन के पात | ||
+ | शोख़ अनूप | ||
+ | शैशव की क्रीड़ाएँ | ||
+ | फिर शुरू हैं | ||
+ | तैरीं कागज़-कश्ती | ||
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+ | वर्षा विनोदीः | ||
+ | कहीं पुए-पकौड़ी | ||
+ | कहीं है भूख | ||
+ | न छदाम न कौड़ी | ||
+ | पावस बहुरंगी | ||
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09:00, 6 जुलाई 2012 के समय का अवतरण
पहली वर्षा
बूँदों की चित्रकारी
धूलि के रंग
छिप कर बैठी है
नीली चिड़िया
फूलों के झुरमुट
ताल पै फैले
घने जल-कुंतल
तैरती मीन
सखियाँ लिये साथ
घास चुप है
फुदक के हिलाता
हरित टिड्डा
नन्हीं बीर-बहूटी
‘शनील बूँद’
बारिश संग गिरी
आकाश-छत
छेदों भरी छतरी
टपक रही
फाख़्ता टेरती घूँ-घूँ
बोल रही है
निर्जन दोपहरी
सावन-धूप
दोपहरिया-फूल
चटख़ लाल
पूरब की खिड़की
उषा पहने
गोटा लगी ओढ़नी
घिरीं घटाएँ
छत पर मोरनी
टहल रही
भादों जो आया
जल-बालिका खेल
ने जी डराया
भर गए हैं ताल
निखरा रूप
पुरइन के पात
शोख़ अनूप
शैशव की क्रीड़ाएँ
फिर शुरू हैं
तैरीं कागज़-कश्ती
वर्षा विनोदीः
कहीं पुए-पकौड़ी
कहीं है भूख
न छदाम न कौड़ी
पावस बहुरंगी
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