भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"रह़गुजर / अकील नोमानी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(''''ग़ज़ल ''' <sort order="asc" class="ul"> * [[महाजे़-जंग पर अक्सर बहुत कुछ ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{KKGlobal}} | |
+ | {{KKRachna | ||
+ | |रचनाकार=अकील नोमानी | ||
+ | }} | ||
+ | {{KKPustak | ||
+ | |चित्र= | ||
+ | |नाम=रह़गुजर | ||
+ | |रचनाकार=[[अकील नोमानी]] | ||
+ | |प्रकाशक= | ||
+ | |वर्ष=2011 | ||
+ | |भाषा=हिन्दी | ||
+ | |शैली=ग़ज़ल | ||
+ | |पृष्ठ=144 | ||
+ | |ISBN= | ||
+ | |विविध= | ||
+ | }} | ||
<sort order="asc" class="ul"> | <sort order="asc" class="ul"> | ||
* [[महाजे़-जंग पर अक्सर बहुत कुछ खोना पड़ता है / अकील नोमानी]] | * [[महाजे़-जंग पर अक्सर बहुत कुछ खोना पड़ता है / अकील नोमानी]] |
19:07, 14 जुलाई 2012 का अवतरण
रह़गुजर
![General Book.png](/kk/images/f/f9/General_Book.png)
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | अकील नोमानी |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | 2011 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | ग़ज़ल |
पृष्ठ | 144 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
<sort order="asc" class="ul">
- महाजे़-जंग पर अक्सर बहुत कुछ खोना पड़ता है / अकील नोमानी
- हर शाम सँवरने का मज़ा अपनी जगह है / अकील नोमानी
- जो कहता था हमारा सरफिरा दिल, हम भी कहते थे / अकील नोमानी
- एहसास में शिद्दत है वही, कम नहीं होती / अकील नोमानी
- / अकील नोमानी
</sort>