भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अकेलापन / नवनीत नीरव" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नवनीत नीरव |संग्रह= }} Category:कविता <poem...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

19:36, 14 जुलाई 2012 के समय का अवतरण


अकेलापन
अकेलापन सुकून देता है
कुछ लोग बेबाकी से या शायद
प्रभाव बनाने के लिए
सीधे-सीधे कह कर निकल जाते हैं
जब- जब मैंने सोचा अकेले में
अपने लॉन की बेंच पर बैठकर
तब-तब मेरी नाव जिंदगी की
यादों के भंवर में फँस जाती है
शायद अकेलापन मन को रोकता है
अतीत के चित्र दिखने के लिए
पर जिंदगी उसी की ढलानों पर
सरपट दूर निकल जाती है.