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19:36, 14 जुलाई 2012 के समय का अवतरण
अकेलापन
अकेलापन सुकून देता है 
कुछ लोग बेबाकी से या शायद 
प्रभाव बनाने के लिए 
सीधे-सीधे कह कर निकल जाते हैं 
जब- जब मैंने सोचा अकेले में 
अपने लॉन की बेंच पर बैठकर 
तब-तब मेरी नाव जिंदगी की 
यादों के भंवर में फँस जाती है 
शायद अकेलापन मन को रोकता है 
अतीत के चित्र दिखने के लिए 
पर जिंदगी उसी की ढलानों पर 
सरपट दूर निकल जाती है. 
 
	
	

