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|रचनाकार=अज्ञेय
|संग्रह=सुनहरे शैवाल / अज्ञेय; इत्यलम् / अज्ञेय
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ऐसा ही चमक उठा था
तेरा अन्तिम आँसू-कन !
'''अक्टूबर, 1934'''
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