Changes

काग़ज़ / गीत चतुर्वेदी

96 bytes added, 17:04, 28 जुलाई 2012
{{KKRachna
|रचनाकार=गीत चतुर्वेदी
|संग्रह=आलाप में गिरह / गीत चतुर्वेदी
}}
{{KKCatKavita}}
एक ठसाठस भरा था शब्दों से
एक पर पोंकती हुई क़लम के धब्बे थे
एक पर उंगलियों उँगलियों की मैल
एक ने अब भी अपनी तहों में समोसे की गंध दाब रखी थी
एक काग़ज़ को तहकर किसी ने हवाई जहाज़ बनाया था
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits