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"आते आते मेरा नाम / वसीम बरेलवी" के अवतरणों में अंतर

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क्या कहूँ और कहने को क्या रह गया
 
क्या कहूँ और कहने को क्या रह गया
  
आते-आते मेरा नाम सा रह गया  
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आते-आते मेरा नाम-सा रह गया  
 
उस के होंठों पे कुछ काँपता रह गया
 
उस के होंठों पे कुछ काँपता रह गया
  

10:19, 5 अगस्त 2012 के समय का अवतरण

आपको देख कर देखता रह गया
क्या कहूँ और कहने को क्या रह गया

आते-आते मेरा नाम-सा रह गया
उस के होंठों पे कुछ काँपता रह गया

वो मेरे सामने ही गया और मैं
रास्ते की तरह देखता रह गया

झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गये
और मैं था कि सच बोलता रह गया

आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे
ये दिया कैसे जलता हुआ रह गया