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"उड़ान वालो उड़ानों पे वक़्त भारी है / वसीम बरेलवी" के अवतरणों में अंतर
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परों की अब के नहीं हौसलों की बारी है | परों की अब के नहीं हौसलों की बारी है | ||
− | मैं क़तरा | + | मैं क़तरा हो के तूफानों से जंग लड़ता हूँ |
− | मुझे बचाना समंदर की | + | मुझे बचाना समंदर की ज़िम्मेदारी है |
− | कोई बताये ये उसके ग़ुरूर-ए- | + | कोई बताये ये उसके ग़ुरूर-ए-बेजा को |
वो जंग हमने लड़ी ही नहीं जो हारी है | वो जंग हमने लड़ी ही नहीं जो हारी है | ||
10:22, 5 अगस्त 2012 के समय का अवतरण
उड़ान वालो उड़ानों पे वक़्त भारी है
परों की अब के नहीं हौसलों की बारी है
मैं क़तरा हो के तूफानों से जंग लड़ता हूँ
मुझे बचाना समंदर की ज़िम्मेदारी है
कोई बताये ये उसके ग़ुरूर-ए-बेजा को
वो जंग हमने लड़ी ही नहीं जो हारी है
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत
ये एक चराग़ कई आँधियों पे भारी है