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"धूप / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर

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सूप-सूप भर
 
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धूप-कनक
 
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यह सूने नभ में गयी बिखर:
 
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चौंधाया
 
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बीन रहा है
 
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उसे अकेला एक कुरर।
 
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अल्मोड़ा
 
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५ जून १९५८
 
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11:35, 9 अगस्त 2012 के समय का अवतरण

सूप-सूप भर
धूप-कनक
यह सूने नभ में गयी बिखर:
चौंधाया
बीन रहा है
उसे अकेला एक कुरर।

अल्मोड़ा
५ जून १९५८