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"सपने में-जागते में / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर
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सपने के भीतर
सपने में अपने
सीढ़ियों पर
बैठा हुआ होता हूँ
धूप में।
-देखने को सपने
जागते मे
जागता भागता हूँ
अँधेरी गुफा में
खोजता हुआ दरार
चौड़ाने को।
झाँकने को पार।
-जागने को?
बर्कले (कैलिफ़ोर्निया), 25 जनवरी, 1969