भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तारे / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
हेमंत जोशी (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अज्ञेय }} <Poem> तारे, तू तारा देख। काश कि मैं तुझे दे...) |
|||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=अज्ञेय | |रचनाकार=अज्ञेय | ||
+ | |संग्रह=पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ / अज्ञेय | ||
}} | }} | ||
+ | {{KKCatKavita}} | ||
<Poem> | <Poem> | ||
तारे, तू तारा देख। | तारे, तू तारा देख। |
16:51, 9 अगस्त 2012 के समय का अवतरण
तारे, तू तारा देख।
काश कि मैं तुझे देखूँ
तारों की हज़ारहा आँखों से।