भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"नन्दा देवी-3 / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार=अज्ञेय
 
|रचनाकार=अज्ञेय
|संग्रह=
+
|संग्रह=पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ / अज्ञेय
 
}}
 
}}
 
{{KKCatKavita}}
 
{{KKCatKavita}}
पंक्ति 16: पंक्ति 16:
 
वह कहाँ है?
 
वह कहाँ है?
  
 +
'''बिनसर, सितम्बर, 1972'''
 
</poem>
 
</poem>

17:17, 9 अगस्त 2012 के समय का अवतरण

तुम
वहाँ हो
मन्दिर तुम्हारा
यहाँ है।
और हम--
हमारे हाथ, हमारी सुमिरनी--
यहाँ है--
और हमारा मन
वह कहाँ है?

बिनसर, सितम्बर, 1972