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चुप लगा गए हैं। | चुप लगा गए हैं। | ||
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11:52, 10 अगस्त 2012 के समय का अवतरण
लोग बहुत पास आ गए हैं।
पेड़ दूर हटते हुए
कुहासे में खो गए हैं
और पंछी (जो ऋत्विक हैं)
चुप लगा गए हैं।
बर्लिन, जून, 1976