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"धूप-सनी छाया / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर

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11:57, 10 अगस्त 2012 के समय का अवतरण

खिड़की के आगे वह झुकी
डाल-सी : पत्तों के बीच
ढले ताँबे के सेब
धूप में लिखे गये-से
डोले; फिर वह धूप-सनी छाया
चौखट के आगे से
सरक गयी।
चौंध लगी सीधी आँखों में।