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|रचनाकार=गंगाधर मेहेर|अनुवादक=[[दिनेश कुमार माली]]|संग्रह=ओड़िया भाषा की प्रतिनिधि कविताएँ / दिनेश कुमार माली|संग्रह=
}}
[[Category: कविता]]
<poem>
 
आह ! मेरे फकीर, मेरे प्यारे , मेरे रत्न धन
क्यों सो रहे हो मूँदकर अपने नयन
उसे देखकर मैं आंसू पोंछूगी
करते उसका गुणगान जीवन काटूँगी।
 
</Poem>