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"खारी हो गई ( हाइकु) /रमा द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर

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21:07, 25 अक्टूबर 2012 के समय का अवतरण

1-मधु ही मधु
समंदर से मिली
खारी हो गई |

2-पानी ही पानी
प्यासा समंदर क्यों
नदी को ढूंढें |

3-ठिठुरता मैं
माँ सिला दो झिंगोला
चाँद सलोना |

4-बरखा आई
आँचल तले छुपा
सूरज लाई |