भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पनजी मारू / प्रीत / गोरधन सिंह शेखावत" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गोरधन सिंह शेखावत | {{KKCatRajasthan}} <poem> प्र...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
23:45, 3 नवम्बर 2012 का अवतरण
{{KKRachna |रचनाकार=गोरधन सिंह शेखावत |
प्रीत
फागण रै रात री
उणीँदी चांनणी री
कुंवांरा होठां री
अणबुझी
अछेही तिरस सी
प्रीत
गीत रै मांय
हिबोळा खाबती
गळगळी पीड़ सी
रूपाळी देह माथै
जोबन री
चढती पाण सी
प्रीत
डूंगर रै साथै
छांनै-छांनै
पसरीजता गुलाबी उजास सी
बरफ सूं ठारियोड़ी रात में
निवायो परस सी
प्रीत
मन रै गळियारै में
कबूल करियोड़ा
सबदां री
छेली सींव माथै
सूंप्योड़ा छिण सी