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<div style="font-size:15px; font-weight:bold">आज करवा चौथ</div>
+
<div style="font-size:15px; font-weight:bold">लोहे का स्वाद</div>
<div style="font-size:15px;"> कवि:[[जयकृष्ण राय तुषार| जयकृष्ण राय तुषार]] </div>
+
<div style="font-size:15px;"> कवि:[[धूमिल| धूमिल]] </div>
 
</td>
 
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</table><pre style="text-align:left;overflow:auto;height:21em;background:transparent; border:none; font-size:14px">
 
</table><pre style="text-align:left;overflow:auto;height:21em;background:transparent; border:none; font-size:14px">
आज करवा चौथ
+
शब्द किस तरह
का दिन है
+
कविता बनते हैं
आज हम तुमको सँवारेंगे ।
+
इसे देखो
देख लेना
+
अक्षरों के बीच गिरे हुए
तुम गगन का चाँद
+
आदमी को पढ़ो
मगर हम तुमको निहारेंगे
+
क्या तुमने सुना कि यह
 +
लोहे की आवाज़ है या
 +
मिट्टी में गिरे हुए ख़ून
 +
का रंग
  
पहनकर
+
लोहे का स्वाद
काँजीवरम का सिल्क
+
लोहार से मत पूछो
हाथ में मेंहदी रचा लेना,
+
घोड़े से पूछो
अप्सराओं की
+
जिसके मुँह में लगाम है ।  
तरह ये रूप
+
आज फ़ुरसत में सजा लेना,
+
धूल में
+
लिपटे हुए ये पाँव
+
आज नदियों में पखारेंगे ।
+
 
+
हम तुम्हारा
+
साथ देंगे उम्रभर
+
हमें भी मझधार में मत छोड़ना,
+
आज चलनी में
+
कनखियों देखना
+
और फिर ये व्रत अनोखा तोड़ना,
+
है भले
+
पूजा तुम्हारी ये
+
आरती हम भी उतारेंगे ।
+
 
+
ये सुहागिन
+
औरतों का व्रत
+
निर्जला, पति की उमर की कामना
+
थाल पूजा की
+
सजा कर कर रहीं
+
पार्वती शिव की सघन आराधना,
+
आज इनके
+
पुण्य के फल से
+
हम मृत्यु से भी नहीं हारेंगे
+
  
 
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13:44, 7 नवम्बर 2012 का अवतरण

Lotus-48x48.png
लोहे का स्वाद
कवि: धूमिल
शब्द किस तरह
कविता बनते हैं
इसे देखो
अक्षरों के बीच गिरे हुए
आदमी को पढ़ो
क्या तुमने सुना कि यह
लोहे की आवाज़ है या
मिट्टी में गिरे हुए ख़ून
का रंग ।

लोहे का स्वाद
लोहार से मत पूछो
घोड़े से पूछो
जिसके मुँह में लगाम है ।